लोहड़ी, उत्तर भारत विशेषकर पंजाब और हरियाणा में मनाया जाने वाला विशेष पर्व है। लोहड़ी का पर्व पौष माह की आखिरी रात को मनाया जाता है। इस साल लोहड़ी का पर्व 13 जनवरी को मनाया जाएगा।इसके अगले दिन माघ माह की शुरूआत पर माघी का त्योहार मानाया जाता है। इस दिन पूरे उत्तर भारत में मकर संक्रांति या उत्तरायण का पर्व मनाया जाता है। लोहड़ी का त्योहार जहां एक ओर दुल्ला भट्टी की लोक कथा से जुड़ा हुआ है तो वहीं इसका संबंध माता सती की पौरणिक कथा से भी है। आइए जानते हैं लोहड़ी पर्व की परंपरा और उसके महत्व के बारे में..इस बार यह त्योहार 13 जनवरी मनाया जाएगा। लोहड़ी संक्रांति का समय दोपहर 02 बजकर 43 मिनट पर है। इसका शुभ योग दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है, उसके बाद शुक्ल योग शुरू हो जाएगा, जो शुभ कार्यों के लिए माना जाता है। लोहड़ी के दिन रवि योग प्रात: 07 बजकर 15 मिनट से शाम 05 बजकर 07 मिनट तक है।
Lohri 2022: Lohri is a special festival celebrated in North India, especially in Punjab and Haryana. The festival of Lohri is celebrated on the last night of Paush month. This year the festival of Lohri will be celebrated on January 13. The next day, the festival of Maghi is considered at the beginning of the month of Magh. On this day the festival of Makar Sankranti or Uttarayan is celebrated all over North India. While the festival of Lohri is associated with the folk tale of Dulla Bhatti, it is also related to the mythological story of Mother Sati. Let us know about the tradition and importance of Lohri festival.
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