Why The Chief Minister Of Punjab Made A Patriotic Film | Vijay Pandey Exclusive Bollywood Stories|
In 1962, when Lata, Rafi songs echoed in Galwan Valley
The Galwan Valley in Ladakh, where Indian and Chinese troops clashed on June 15, once echoed with songs by Lata Mangeshkar and Mohammed Rafi.
living in Stok village, around 17 km from Leh city, Tashi told The Indian Express that two of the songs the Chinese used to play were Mangeshkar’s Man Dole Mera Tan Dole from the 1954 movie Nagin, and Rafi’s Tumsa Nahi Dekha from the 1957 movie of the same name.
“I was in Daulat Beg Oldi (in Ladakh) as part of 14 J&K Militia Company (which would later form the Ladakh Scouts). We got orders to reach Galwan Valley. At that time, our post was called ‘nayi post’ (new post)… In those days, it was considered a drop zone and aircrafts used to drop ration supplies. We used to patrol using horses and yaks. I remember that Chinese were on top of the hill on the other side, while were in the plains,” he said.
Phunchok Tashi, a veteran of the 1962 Indo-China war, recalls a time when the Chinese Army used loudspeakers to play Hindi songs in an attempt to befriend the Indian soldiers and get them to leave their posts.
हिंदी सिनेमा में स्वाधीनता संघर्ष पर आधारित फिल्मों के साथ युद्ध पर आधारित फिल्में भी देखने को मिलीं। अममून फिल्मकार पराजय पर आधारित कहानियों को बनाने से बचते हैं। ऐसे में चेतन आनंद ने उस जोखिम को उठाया। उन्होंने 1962 में भारत-चीन युद्ध पर ‘हकीकत’ जैसी फिल्म बनाई, जो युद्ध के दौरान मैदान में डटे सैनिकों के दृष्टिकोण को बड़ी मार्मिकता से दर्शाती है
चीन के साथ भारत की तनातनी की खबरें आए दिन सुर्खियों में रहती हैं। हालांकि भारत दो टूक कह चुका है कि वह अब 1962 वाला भारत नहीं रहा है। अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए वह जंग से नहीं हिचकेगा। यह बयान नए भारत की तस्दीक करता है जो दिनोंदिन अपनी सैन्य ताकत में इजाफा कर रहा है। सीमा पर तैनात सिपाहियों के हौसले को आवाज देती फिल्मों में बलराज साहनी और धर्मेंद्र अभिनीत ‘हकीकत’ उन जांबाज सैनिकों को सलाम करती है, जिन्होंने देश की रक्षा की खातिर आखिरी दम तक लड़ाई लड़ी और बलिदान दे दिया।
हिंदी सिनेमा में क्लासिक फिल्मों में शुमार ‘हकीकत’ में युद्ध का यर्थाथवादी चित्रण किया गया था। जिसमें युद्ध के मैदान में डटे सैनिकों के दृष्टिकोण को दर्शाया गया था। इस फिल्म को मुख्य रूप से लद्दाख में शूट किया गया था। इस फिल्म का बजट उस समय तकरीबन 30 लाख रुपए था। फिल्म की सफलता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि फिल्म ने दुनियाभर में करीब ढाई करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की थी। चीन के सिपाहियों के हाथों हार के दो साल बाद रिलीज हुई इस फिल्म ने देश के विश्वास को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई, जो युद्ध के झटके से जूझ रहा था। इस फिल्म ने लोगों में देशभक्ति की भावना का भी संचार किया।
In 1962, when Lata, Rafi songs echoed in Galwan Valley
The Galwan Valley in Ladakh, where Indian and Chinese troops clashed on June 15, once echoed with songs by Lata Mangeshkar and Mohammed Rafi.
Phunchok Tashi, a veteran of the 1962 Indo-China war, recalls a time when the Chinese Army used loudspeakers to play Hindi songs in an attempt to befriend the Indian so