किसी भी महिला को यूट्रीन पॉलीप (Uterine Polyp) हो सकती है, सामान्यतः यह गर्भाशय के अंदर ही होती है, लेकिन कभी-कभी योनि में गर्भाशय (गर्भाशय ग्रीवा) के मुंह पर ही हो जाते है। गर्भाशय पॉलीप ज्यादातर उन महिलाओं में होते है जो रजोनिवृत्ति (Menopause) से गुजर रही है या इसे पूरा कर चुकी है, हालांकि आजकल कम उम्र की महिलाओं को भी पॉलीप हो जाती हैं। गर्भाशय पॉलीप गर्भाशय की आंतरिक दीवार से जुड़ी सतह है, जो बढ़ जाती है। गर्भाशय (एंडोमेट्रियम) की लाइन में जब कोशिकाएं एक सीमा से अधिक बढ़ जाती है तो ये एंडोमेट्रियल पॉलीप बन जाती है। ये पॉलीप आमतौर पर नॉन-कैंसरस होती है। हालांकि इनमें कुछ कैंसरस भी हो सकती है या बाद में कैंसर में भी बदल सकती है। गर्भाशय पॉलीप आकार में कुछ मिलीमीटर की होती है, लेकिन तिल के बीज से बड़ी नहीं होती। हालांकि कुछ केस में गोल्फ बॉल के आकार जितनी बड़ी भी होती है। यह किसी बड़े आधार या पतली डंठल के जरिये गर्भाशय की दीवार से जुड़ जाती है। किसी महिला को गर्भाशय में गांठ होने पर डॉक्टर भी सटीक कारण नहीं बता पाते है कि महिलाओं में गर्भाशय पॉलीप होने का कारण क्या है? लेकिन कई बार महिलाओं में गर्भाशय पॉलीप हार्मोन के स्तर में बदलाव से भी हो सकती है। पीरियड्स के दौरान हर महीने महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता है और गिरता है। यह गर्भाशय की लाइन को मोटा करता है, और पीरियड्स के दौरान बह जाता है, लेकिन यह लाइन अगर हद से अधिक बढ़ जाएं तो पॉलीप का निर्माण करती है। कुछ कारक पॉलीप होने की संभावना को बढ़ा देती है, जैसे उम्र। गर्भाशय पॉलीप 40 से 50 साल की उम्र में सामान्यतः होती है। यह रजोनिवृत्ति (Menopause) से पहले और उसके दौरान होने वाले एस्ट्रोजन के स्तर में बदलाव के कारण हो सकती है। कई बार महिलाओं में मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और स्तन कैंसर की दवा टैमोक्सीफेन लेने से भी गर्भाशय पॉलीप की संभावना बढ़ जाती है।
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