क्या है गर्भसंस्कार विधि ? एक्सपर्ट के मुताबिक, गर्भ में पल रहे शिशु मां के मौजूदा वातावरण से काफी कुछ सीखते हैं। यहां तक कि उनके मूड़, व्यवहार काक असर भी भ्रूण पर पड़ता है। डॉक्टरों के मुताबिक, 3 तिमाही तक भ्रूण का दिमागी विकास शुरू हो जाता है और इसी दौरान आप उन्हें गर्भ संस्कार विधि से अच्छे आहार, आध्यात्मिक ज्ञान और संगीत से जोड़ सकती हैं। . ध्यान रखें कि इस दौरान आप अच्छा खाएं, अच्छा म्यूजिक सुनें और योग जरूर करें। योग, संगीत और आहार से शिशु पर अच्छा असर पड़ता है। . गर्भ संस्कार विधि में संगीत अहम है। अच्छे संगीत से भ्रूण भी पॉजिटिव हो जाता है। इसके लिए आप अध्यात्मिक गाने, श्लोक या मंत्र सुन सकती हैं। . गर्भ संस्कार विधि में अध्यात्मिक और पॉजिटिव किताबें पढ़ने की सलाह दी जाती है। गर्भसंस्कार के फायदे . इससे शिशु के दिमागी विकास बेहतरीन तरीके से होता और वह भविष्य में बुद्धिमान बनता है। . महिलाओं के साथ-साथ इससे भ्रूण भी स्ट्रेस फ्री होता है। साथ ही इससे महिलाओं को डिप्रेशन, एंग्जायटी जैसी समस्याएं नहीं होती। . यही नहीं, गर्भसंस्कार शिशु की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।
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