भोपाल। सरकार का बजट प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास का फाइनेंशियल एजेंडा होता है। इसके माध्यम से सरकार नए वित्तीय वर्ष के लिए समाज के हर वर्ग और अर्थव्यवस्था के हर सेक्टर के विकास के लिए नई योजनाओं और उस पर अमल के लिए भारीभरकम राशि का प्रावधान करती है। ये राशि अलग-अलग टैक्स के रूप में आम जनता की जेब से ही आती है। सरकार बजट बना देती है और इसके लिए जितनी राशि का प्रावधान किया जाता है उसमें से ज्यादातर राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है। अक्सर ये तब साबित होता है जब कैग और दूसरी एजेंसी की ऑडिट या जांच रिपोर्ट सामने आती है। ऐसे में ये बेहद जरूरी है कि जिस काम या योजना के लिए पैसा आवंटित हुआ है उसका उपयोग ठीक तरीके से हो।