चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri 2022) में पहले दिन मां शैलपुत्री (maa shailputri puja vidhi) की पूजा की जाती है. मां शैलपुत्री हिमालयराज की पुत्री हैं. शैल का मतलब पत्थर या पहाड़ होता है. नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री की पूजा इसलिए की जाती है, ताकि जीवन में उनके नाम की तरह स्थिरता बनी रहे. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. आपतो बता दें कि पुराणों में कलश को भगवान गणेश का स्वरुप माना गया है इसलिए नवरात्रि में पहले कलश पूजा की जाती है. तो, चलिए इस दिन की पूजा विधि और कथा (maa shalputri katha) के बारे में बताते हैं.