सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). केन्द्र व राज्य सरकार भले ही ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था सुधार के नाम पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही हैं लेकिन आजादी के सत्तर से अधिक दशक बीतने के बावजूद गांवों में पेयजल उपलब्धता की स्थिति में सुधार नहीं हो सका है। इक्कीसवीं सदी म