India is a secular country. Here all religions and their festivals are seen with equanimity. Muslims see this holy month as the reward of Allah. Like all religions follow their own rules. Similarly, Islam also has its own specialty. In this religion, it is considered necessary to offer Namaz, especially in Ramadan, and the prayer of Goodbye Juma has its own importance. In Islam, the last Jumma that falls in the month of Mah-e-Ramzan is called Alvida Jumma. It is believed that the prayer performed in the third and last Ashra of Ramadan saves the fasting people from the fire of Hell. The last Jumma that comes in this Ashra is called Goodbye Jumma. This time on 29th April is Goodbye Jumma, this day has a very special significance in Islam...
भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। यहां सभी धर्म और उसके पर्व-त्योहार को समभाव से देखा जाता है।जैसे आजकल रमजान(Ramzan/Ramadan) की रौनक बाजारों में देखने को खूब मिल रही है। इस पवित्र माह को मुसलमान अल्लाह के ईनाम के रुप में देखते है। जैसे सभी धर्म अपने नियमों को मानते हैं। वैसे ही इस्लाम में की भी अपनी विशेषता है। इस धर्म में नमाज खासकर रमजान में नमाज पढ़ना जरूरी माना जाता है और अलविदा जुमा की नमाज का अपना ही महत्व होता है। इस्लाम में माह-ए-रमजान (Mah-e-Ramzan) में पड़ने वाले आखिरी जुमा को अलविदा जुम्मा (Alvida Jumma) कहते हैं। मान्यता है कि रमजान (Ramzan) के तीसरे और आखिरी अशरे में की गई इबादत रोजेदारों को जहन्नुम की आग से बचाती है। इस अशरे में जो आखिरी जुम्मा आता है उसे अलविदा जुमा कहते हैं। इस बार 29 अप्रैल को अलविदा जुम्मा है, इस दिन का इस्लाम में बहुत ही खास महत्व है...
#AlvidaJumma2022Date