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When Nusrat Sahib Saw Ajmer Sharif's Dargah In A Dream | Vijay Pandey Exclusive Bollywood Stories
Nusrat Fateh Ali khan : King of Laykari, Sikandar of Music
जब नुसरत साहब को सपने में दिखी अजमेर शरीफ की दरगाह...
सबसे पहले ख्याम साहब ने हिंदी फिल्म में
परिचय कराया नुसरत फतेह अली खान की आवाज के अनूठेपन और रूहानियत को चाहकर भी भुलाया नहीं जा सकता है। नुसरत फतेह अली खान की आवाज और शब्दों का जादू कुछ ऐसा है जो एक बार सुन ले वो बस उन्हीं का हो जाता है। 13 अक्तूबर को उनका जन्म हुआ था। नुसरत फतेह अली खां को शहंशाह-ए-कव्वाली नाम से नवाजा गया था। इसके अलावा उन्हें खान साहेब कहकर भी पुकारा जाता है। भारत से ताल्लुक रखने वाले नुसरत फतेह अली खान भले ही पाकिस्तानी कव्वाल थे, लेकिन हिंदुस्तान में उन्हें काफी प्यार मिला। आज उनकी जयंती पर हम लेकर आए हैं उनके कुछ सदाबहार गाने। नुसरत फतेह अली खां का जन्म 13 अक्तूबर 1948 को पाकिस्तान के फैसलाबाद में हुआ था। बंटवारे से पहले उनका परिवार भारत के जालंधर में रहता था। नुसरत साहब का नाम पहले परवेज रखा गया था। नुसरत के घर में उनके पिता से कव्वाली सीखने देश-विदेश के शिष्य आते थे। संगीत की शिक्षा उन्हें अपने घर से ही मिली। नुसरत फतेह अली खां की आवाज सूफियों की आवाज कही जाती है। माना जाता है कव्वाली को उन्होंने विदेशों तक पहुंचाने का काम किया।
पांच भाई-बहनों में नुसरत सबसे छोटे थे। उनसे बड़ी चार बहनें थीं। उनके पिता फतेह अली खां चाहते थे कि वो डॉक्टर या इंजीनियर बनें लेकिन नुसरत तो एक गायक बनना चाहते थे। घरवालों ने भी उन्हें पूरी मदद की और संगीत की तालीम देनी शुरू कर दी। उन्होंने 16 साल की उम्र में पहली बार स्टेज परफॉर्मेंस दी।
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नुसरत फतेह अली खान को किडनी और लिवर में समस्या थी। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए उन्हें लॉस एंजिलिस ले जाया
बॉलीवुड की कई फिल्मों में नुसरत फतेह अली खान ने गाना गया, उनके द्वारा गाए गए गानों को बार-बार बॉलीवुड ने इस्तेमाल भी किया.Born in Lyallpur (Faisalabad), Khan had his first public performance at the age of 15, at his father's chelum. He became the head of the family qawwali party in 1971. He was signed by Oriental Star Agencies, Birmingham, England, in the early 1980s. Khan went on to release movie scores and albums in Europe, India, Japan, Pakistan and the U.S. He engaged in collaborations and experiments with Western artists, becoming a well-known world music artist. He toured extensively, performing in over 40 countries. In addition to popularising qawwali music, he also had a big impact on contemporary South Asian popular music, including Pakistani pop, Indian pop and Bollywood music.
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