कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में दोषी पाया गया है. NIA कोर्ट ने यासीन मलिक को दोषी पाया है, उसे इस मामले में कितनी सजा मिलेगी इसपर फैसला 25 मई को होगा.पिछली सुनवाई में यासीन मलिक ने अपने ऊपर दायर आरोपों को कबूला था जिसके बाद उसकी सजा के ऐलान का रास्ता साफ़ हुआ था.
आपको बता दे की यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), व 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को यासीन मलिक चुनौती नहीं देना चाहता। विशेष न्यायाधीश की ओर से पहले कहा गया था कि यह स्थापित हो चुका है कि मलिक और अन्य को आतंकवाद के लिये प्रत्यक्ष रूप से धन मिल रहा था।
इससे पहले 16 मार्च को कोर्ट ने यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद, हिज्बुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाउद्दीन, अलगाववादी नेता शब्बीर शाह, मसर्रत आलम और बाकी लोगों पर आरोप तय करने का आदेश दिया था. कोर्ट का मानना था कि पाकिस्तानी आकाओं के इशारे पर और उनसे मिले फंड के जरिए ये कश्मीर को भारत से अलग करने का काम कर रहे थे.
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