महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार पर मुसीबत ही मुसीबत है. वो अभी मुख्यमंत्री हैं. लेकिन कितनी देर रह पाएंगे, ये या तो सुप्रीम कोर्ट तय करेगा या फिर डिप्टी स्पीकर. क्या उद्धव के पास अब भी डिप्टी स्पीकर के रूप में वो मास्टर की है, जिससे वो अपनी सरकार और पार्टी दोनों को ही बचा लेंगे. क्या डिप्टी स्पीकर के पास इतनी ताकत होती है कि वो सदन में स्पीकर के तौर पर फैसले ले सकता है. आखिर डिप्टी स्पीकर के पास कौन-कौन से अधिकार हैं जिनकी बात उद्धव की शिवसेना और बागी गुट दोनों ही कर रहे हैं. इन तमाम मुद्दों पर दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रह चुके योगानंद शास्त्री से बात की है वरिष्ठ पत्रकार रविकांत ने.