रूपया अपने इतिहास के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है. किसी मुद्रा की कीमत उसकी डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करती है लेकिन यह इतना आसान नहीं है बल्कि इसके पीछे कई अदृश्य कारण भी होते हैं, जिसमे पहला कारण है कि डॉलर की भारतीय बाजार में आपूर्ति कैसे होती है, दरअसल fdi, fpi और EXPORT से डॉलर की भारतीय बाजार में आपूर्ति होती है जो भारत के foreign exchange market में पहुंचता है, जहां इसका रेगुलेशन rbi के द्वारा किया जाता है जब rbi भारतीय बाजार में डॉलर की आपूर्ति बढ़ाने लगती है तो रुपए की स्थिति मजबूत होती है लेकिन जब कभी भी rbi foreign exchange market से डॉलर को वापस लेना शुरू करती है तो बाजार में डॉलर की आपूर्ति कम हो जाती है जिससे डॉलर की कीमत में उछाल और रुपए की कीमत में गिरावट आती है। तो यहां सवाल खड़ा होता है की rbi फिर रुपए की स्थिति मजबूत करने के लिए ऐसा करती क्यों नहीं है।