चुनाव के वक्त नेता सबसे चुस्त रहते हैं लेकिन चुनाव होने के बाद वो सुस्ती नेताओं के साथ अधिकारियों में भी आ जाती है. अगर ऐसा ना होता तो बेजुबानों के लिए बनाई गई एंबुलेंस के पहिए सरकारी फाइलों में अटक ना जाते. जनता के पैसे का कबाड़ ना हो रहा होता. अभिनव एंबुलेंस सेवा फिर से दौड़ें, पशुओं को उचित इलाज मिले इसलिए संवाददाता संजय त्रिपाठी ने ली है सिस्टम की खबर. देखिए Abp News के खास शो Ghanti Bajao के वीडियो रिपोर्ट में. अब आपकी बारी है 8422840000 पर सुस्त सिस्टम की घंटी बजाने की.