हिंदू धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत का विशेष महत्व होता है। ये व्रत महिलाओं के लिए बेहद कठिन माना जाता है, क्योंकि इस व्रत को महिलाएं निर्जला रहकर करती हैं। इस पर्व को जीवित्पुत्रिका, जिउतपुत्रिका, जितिया, जिउतिया और ज्युतिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत करने का विधान है। माताएं ये व्रत पुत्र प्राप्ति, संतान के दीर्घायु होने एवं उनकी सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए करती हैं। इस दिन माताएं निर्जला व्रत रखकर व्रत का अनुष्ठान करती हैं। लेकिन इस बार जितिया व्रत की सही तिथि को लेकर संशय बना हुआ है। कुछ पंचांग के अनुसार, जितिया का व्रत 17 सितंबर को रखे जाने की बात की जा रही है, वहीं कुछ लोग उदया तिथि को मानते हुए 18 सितंबर को जीवित्पुत्रिका व्रत रखने की बात कर रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं जितिया व्रत की सही तिथि और मुहूर्त...
Jivitputrika Vrat has special significance in Hinduism. This fast is considered very difficult for women, because women observe this fast by staying waterless. This festival is also known as Jivitputrika, Jiutputrika, Jitiya, Jiutiya and Jyutiya Vrat. Every year there is a law to observe Jivitputrika Vrat on the Ashtami Tithi of Krishna Paksha of Ashwin month. Mothers observe this fast for the attainment of a son, longevity of their children and increase in their happiness and prosperity. On this day, mothers observe fasting by observing Nirjala fast. But this time there is doubt about the exact date of Jitiya Vrat. According to some almanacs, Jitiya fasting is being talked about on 17th September, while some people are talking about keeping Jitviputrika fast on 18th September considering Udaya tithi. In such a situation, let us know the exact date and time of Jitiya Vrat...
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