चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरुप मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मां स्कंदमाता का रूप मातृत्व को परिभाषित करता है। शास्त्रों के अनुसार, स्कंदमाता की विधि-विधान से पूजा करने से संतान सुख के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है और भक्तों की हर इच्छाएं पूरी होती हैं। जानिए स्कंदमाता की पूजा विधि, भोग।
On the fifth day of Chaitra Navratri, Goddess Skandmata, the fifth form of Goddess Durga, is worshipped. The form of Mother Skandmata defines motherhood. According to the scriptures, by worshiping Skandmata according to the law, one attains salvation with child happiness and every wish of the devotees is fulfilled. Know the method of worship of Skandmata, enjoyment.
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