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‘बंटवारा’ यह शब्द मुलायम सिंह यादव को कभी अच्छा नहीं लगता था। वह न तो राज्य का बंटवारा चाहते थे और न ही परिवार का। उन्होंने उत्तर प्रदेश का बंटवारा रोकने का भरपूर प्रयास किया। इसके लिए उन पर गोलियां चलवाने तक के आरोप लगे। वहीं उन्होंने अपने परिवार को हमेशा एकसूत्र में बांधने का प्रयास करते रहे लेकिन वह चाहे शिवपाल यादव हों या उनकी पुत्रवधू अपर्णा यादव या फिर उनके समधी हरिओम यादव सबने अलग राहें चुन लीं।