काल भैरव जयंती 16 नवंबर, 2022, दिन बुधवार को है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि शनि और राहु के कष्टों से मुक्ति के लिए भैरव की पूजा अचूक उपाय है. इसी दिन भगवान शिव ने कालभैरव का अवतार लिया था. इसलिए इस पर्व को कालभैरव जयंती के रूप में मनाया जाता है. काल भैरव भगवान शिव के रौद्र रूप हैं. इस दिन भगवान भैरव की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन सुबह व्रत का संकल्प लिया जाता है. इसके बाद रात के समय कालभैरव की पूजा पूरे विधि विधान से की जाती है.
Kaal Bhairav Jayanti is on November 16, 2022, Wednesday. There is such a religious belief that worshiping Bhairav is a sure way to get rid of the troubles of Shani and Rahu. Lord Shiva took the incarnation of Kalabhairava on this day. Hence this festival is celebrated as Kalabhairav Jayanti. Kaal Bhairav is the fierce form of Lord Shiva. On this day Lord Bhairav is worshiped with complete rituals. On this day, the resolution of fasting is taken in the morning. After this, Kalabhairav is worshiped with full rituals during the night.
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