शनिवार व्रत कथा - Shanivar Vrat Katha - Saturday Fast Story - Shani Dev Maharaj ~ New Video - 2022
आज इस वीडियो में हम बताएंगे कि किस तरह शनिदेव की पूजा अर्चना कर उन्हें खुश किया जाए. यह तो हम सभी जानते हैं कि शनि न्याय के देवता है. हमारे कर्मों का फल देने का पूरा कार्यभार शनि देव पर ही है लेकिन कई लोग शनिदेव को एक बुरे देवता के रूप में देखते हैं जो गलत है. शनि देव अगर किसी को उसके बुरे कार्यों की सजा देते हैं तो उसके अच्छे कार्यों के लिए उसका अच्छा फल भी देते हैं. शनि महान हैं उनकी छत्रछाया में आए हर इंसान का कल्याण होता है !
विधि
यह पूजा और व्रत शनिदेव को प्रसन्न करने हेतु होता है.
• काला तिल, तेल, काला वस्त्र, काली उड़द शनि देव को अत्यंत प्रिय है. इनसे ही पूजा होती है.
• शनि देव का स्त्रोत पाठ करें. शनिस्त्रोत
शनिवार का व्रत यूं तो आप वर्ष के किसी भी शनिवार के दिन शुरू कर सकते हैं परंतु श्रावण मास में शनिवार का व्रत प्रारम्भ करना अति मंगलकारी है । इस व्रत का पालन करने वाले को शनिवार के दिन प्रात: ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शनिदेव की प्रतिमा की विधि सहित पूजन करनी चाहिए। शनि भक्तों को इस दिन शनि मंदिर में जाकर शनि देव को नीले लाजवन्ती का फूल, तिल, तेल, गुड़ अर्पण करना चाहिए। शनि देव के नाम से दीपोत्सर्ग करना चाहिए।
शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा के पश्चात उनसे अपने अपराधों एवं जाने अनजाने जो भी आपसे पाप कर्म हुआ हो उसके लिए क्षमा याचना करनी चाहिए।शनि महाराज की पूजा के पश्चात राहु और केतु की पूजा भी करनी चाहिए। इस दिन शनि भक्तों को पीपल में जल देना चाहिए और पीपल में सूत्र बांधकर सात बार परिक्रमा करनी चाहिए। शनिवार के दिन भक्तों को शनि महाराज के नाम से व्रत रखना चाहिए।