मेहनत नियमित जरूरी है। जब मैं तैयारी करता था तो ना शादी समारोह में गया, ना ही किसी तीज त्योहार पर छुट्टी ली। हर दिन नियमित आठ से दस घंटे पढाई अनिवार्य रूप से की। दिल्ली का खर्चा बहुत महंगा है। फिर अगले साल से नौकरी भी की और साथ में घर में पढ़ाई जारी रखी।