इतिहासकार आचार्य प्रहलाद वल्लभ गोस्वामी ने बताया कि 158 साल पहले मिट्टी के टीले पर बने बिहारीजी के मंदिर में पिछले कई वर्षों से दीवारों में दरार पैदा हो रही है। चूहों की वजह से नालियों के बंद होने से फर्श में पानी के रिसाव की घटना भी सामने आ चुकी है...
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