ब्लास्टिंग से हुई यह समस्या पहली बार नहीं है। कुछ दिनों पहले कुसमुंडा खदान में भी हैवी ब्लास्टिंग के चलते हैं पाली पठानिया गांव के मकान जर्जर हो गए थे। कोयला लोगों के घर तक जाकर गिरा। इससे मकान में लगे शीट क्षतिग्रस्त हुए थे। इसकी शिकायत लेकर ग्रामीण कलेक्ट्रेट भी पहुंचे हुए थे।