जनसंख्या में बढ़ोत्तरी के साथ जिले की मतदाता संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। एकीकृत मध्यप्रदेश के समय 1957 में जब देश के दूसरा आम चुनाव के समय महज तीन लाख 36 हजार मतदाता थे। अब इनकी संख्या छह गुना बढ़कर 18 लाख तीन हजार हो गई है। 66 वर्षों में कई तरह के बदलाव देखने को मिले।