वृन्दावन के वंशीवट क्षेत्र स्थित श्रीनाभापीठ सुदामाकुटी में श्रीरामानंदीय वैष्णव सेवा ट्रस्ट द्वारा दिव्य व भव्य रंगारंग होली महोत्सव अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।
जिसमें होली के पदों ,भजनों व रसियों का संगीतमय गायन अनेक सुप्रसिद्ध मंडलियों के द्वारा किया गया।
रंग - गुलाल व फूलों की जबरदस्त होली खेली गई। जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों से आए भक्तों व श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।
श्रीनाभापीठाधीश्वर श्रीमज्जगदगुरू सुतीक्ष्ण दास देवाचार्य महाराज ने कहा कि होली पारस्परिक प्रेम, सौहार्द्र व राष्ट्रीय एकता का प्रमुख पर्व है। विडम्बना है कि सामाजिक समरसता के इस महापर्व में अनेक बुराइयों का समावेश हो गया है।
आज आवश्कता इस बात की है कि हम लोग इस दिन अपने जीवन की समस्त बुराइयों को त्यागने का संकल्प लें।
तभी इस पर्व की अस्मिता सुरक्षित रह सकती है।