चूूरू. घर की जरूरत हो या अन्य कोई काम आम आदमी सहित धनाढ्य लोगों को भी रुपए की आवश्यकता पड़ जाती है। हालांकि आज के समय में ऐसे कई बैंक व फाइनेंस कंपनियां है जो रुपए के बदले में तय ब्याज लेकर व्यक्ति को उधार देती है। लेकिन आज से करीब दो सौ साल पहले ऐसे कोई बैंक या कंपनियां नह