घर का मंदिर एक पवित्र जगह है, जहां हम भगवान की पूजा करते हैं। वास्तु शास्त्र घर बनाने और कमरों के स्थान से संबंधित नियम निर्धारित करता है, जिसमें घर में मंदिर का मुख किस दिशा में होना चाहिए की जानकारी भी शामिल है। अगर वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में मंदिर रखा जाए तो यह घर और उनके निवासियों के लिए सुख-शांति और समृद्धि लाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर दिशा का कुछ महत्व और ब्रह्मांडीय ऊर्जा होती है। सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए हर घर में वास्तु के अनुसार एक पूजा कक्ष बनाया जाना चाहिए।हिंदू परंपरा के अनुसार, हर घर में एक छोटा मंदिर होना चाहिए। घर में मंदिर के लिए वो जगह चुनें जहां कोई खलल या लोगों का बार-बार आना-जाना न हो। हालांकि वास्तु-अनुशंसित पूजा रूम बेहतर होगा, ऐसा महानगरों में हमेशा संभव नहीं हो पाता है, जहां जगह की कमी होती है। ऐसे घरों के लिए आप अपनी आवश्यकता के मुताबिक दीवार पर लगे मंदिर या कोने में छोटा मंदिर पर विचार कर सकते हैं। मंदिर बनाते समय वास्तु सिद्धांतों का पालन करना बहुत जरूरी है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि वह स्थान सकारात्मक ऊर्जा का उत्सर्जन करे।
#PujaGharKisDishaMeHonaChahiye
~HT.97~PR.111~ED.118~