शहडोल. दिव्यांगों की सेवा करना ही सच्ची सेवा है। इस धरती पर उपलब्ध संसाधनों पर सभी का समान अधिकार है। बिना किसी भेदभाव के सबको एक जैसा वातावरण और एक जैसी सुविधाएं मिलनी चाहिए। सच्ची सेवा वही है जो दिव्यांग, निराश्रित, वृद्धजन आदि को साथ लेकर चले और उनके कल्याण में कोई क