Krishna Janmashtami 2023: हर साल भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। द्वापर में श्रीकृष्ण परम पुरुषोत्तम भगवान का जन्म भाद्रपद की अष्ठमी तिथि (रोहिणी नक्षत्र और चन्द्रमा वृषभ राशि में ) को मध्यरात्रि में हुआ। उनके जन्म लेते ही दिशाएं स्वच्छ व प्रसन्न एवं समस्त पृथ्वी मंगलमय हो गई थी। विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण के प्रकट होते ही जेल की कोठरी में प्रकाश फैल गया। कृष्ण के प्राकट्य से स्वर्ग में देवताओं की दुन्दुभियां अपने आप बज उठीं तथा सिद्ध और चारण भगवान के मंगलमय गुणों की स्तुति करने लगे। वीडियो में जानें जन्माष्टमी व्रत पारण समय 2023: जन्माष्टमी व्रत पारण विधि..
Krishna Janmashtami 2023: Every year the Ashtami date of Krishna Paksha of Bhadrapada month is celebrated as Krishna Janmashtami. In Dwapar, Lord Krishna, the Supreme Being, was born at midnight on the Ashtami Tithi of Bhadrapada (Rohini Nakshatra and Moon in Taurus). As soon as he was born, the directions became clean and happy and the entire earth became auspicious. As soon as Lord Krishna, the incarnation of Vishnu, appeared, light spread in the jail cell. With the appearance of Krishna, the trumpets of the Gods automatically rang in heaven and the Siddhas and Charanas started praising the auspicious qualities of the Lord. Watch Video and Know Janmashtami Parana Time 2023: Janmashtami Vrat Parana Vidhi..
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