मुझे पता है कि शाजापुर वालों के लिए दालबाटी, तोलाराम की कचोरी, दूध जलेबी का कितना महत्व है। मैं यहां आता था मुझे मालूम है। बाकी सब काम बाद में पहले तो तोलाराम की कचोरी, लेकिन 17 नवंबर को पहले मतदान फिर जलपान। मेरा एक काम करोगे चुनाव का काम नहीं है। घर-घर मिलने जाओगे, तो कहना