भविष्य का दूसरा नाम है संघर्ष. हृदय में आज इच्छा होती है और यदि पूर्ण नहीं हो पाती तो हृदय भविष्य की योजना बनाता है. भविष्य में इच्छा पूर्ण होगी ऐसी कल्पना करता रहता है. किंतु जीवन जीवन ना तो भविष्य में है ना अतीत में. जीवन तो इस क्षण का नाम अर्थात इस क्षण का अनुभव भी जीवन का अनुभव और हम यह जानते हुए भी इतना सा सत्य समझ नहीं पाते. या तो हम बीते हुए समय के स्मरणों को घेर कर बैठे रहते या फिर आने वाले समय के लिए हम योजनाएं बनाते रहते हैं और जीवन. जीवन बीत जाता है।.