कोंच(जालौन)इस्लाम धर्म में अलविदा जुमा की नमाज के बिशेष महत्व है और यह रमजान पाक के आखिरी जुमे को कहा जाता है मान्यता है कि जो लोग हज की यात्रा के लिए नहीं जा पाते हैं अगर वह इस जुमे के दिन पूरी शिद्दत और एहतराम के साथ नमाज अदा करते हैं तो उन्हें हज यात्रा के बराबर शबाब मिलता है यह भी मान्यता है कि इस जुमे में नमाज अदा करने के बाद जो जायज दुआ मांगी जाती है वह कबूल होती है और साथ ही साथ अल्लाह की रहमत और बरकत मिलती है इसी को लेकर दिन शुक्रवार को अलविदा जुमा के अवसर पर रोजेदारों सहित मुस्लिम भाइयों ने 25 रोजा रखकर अलविदा की नमाज अदा की यह इंसान को तक़वा एवं परहेजगार बनाता है और रोजे एवं इबादतों का शबाब खुद अल्लाह पाक रमजान के दौरान कई गुना बड़ा देता है और रोजा रखने बालों के ऊपर अल्लाह की रहमत बरसती है अलविदा जुमा के दिन तहसील मस्जिद बड़ी मस्जिद मंसूरान मस्जिद चन्दकुआँ मरकज मस्जिद अनसारयान मस्जिद जामा मस्जिद कुरैशयान मस्जिद तकिया कलन्दर शाह मस्जिद खुर्रमशाह मस्जिद आदि में नमाजियों ने नमाज अदा कर अमन चैन की दुआ मांगी वहीं सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए शासन प्रशासन मौजूद रहा।