Jai Dev Jai Dev Jai Mangal Murti | Ganesh Ji Ki Aarti | Sukh Karta Dukh Harta | जयदेव जय मंगलमूर्ति
Lord Ganesha bestows wisdom and removes all obstacles which might come while performing auspicious work. Hence Lord Ganesha is worshipped first while starting all Pujas and auspicious activities. Sukhakarta Dukhaharta is one of the most popular Marathi Aarti of Lord Ganesha.
बुधवार के दिन श्री गणेश की आरती करने से अनेकों लाभ मिलते हैं, सभी इच्छाओं की पूर्ती होती है और श्री गणेश का साक्षात वास घर में प्राप्त होता है। आरती के बिना कोई भी पूजा-पाठ अधूरा माना जाता है।
श्री गणेश जी के मधुर भजन सुनने के लिए नीचे दिए गये लिंक पे क्लिक करें और भजनों का आनंद ले | https://www.youtube.com/playlist?list=PLWfT09ZYx4FIiBm1iKo8jZNhNrRXCw6yl
Credits:-
Bhajan -Jai Dev Jai Dev Jai Mangal Murti
Singer - Ashwani Raj
Lyrics - Traditional
Record Label - Moxx Music
Producer - Ashwani Raj
Video Edit - Jatin Sharma
Recording, Mastering, and Mixing At Moxx Studio
Digital Partner - BinacaTunes Media Pvt Ltd
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Lyrics :-
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची
कंठी झलके माल मुकताफळांची
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको
हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवरको
महिमा कहे न जाय लागत हूं पादको
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव
अष्टौ सिद्धि दासी संकटको बैरि
विघ्नविनाशन मंगल मूरत अधिकारी
कोटीसूरजप्रकाश ऐबी छबि तेरी
गंडस्थलमदमस्तक झूले शशिबिहारि
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव
भावभगत से कोई शरणागत आवे
संतत संपत सबही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुन गावे
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव
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