घबराओ ना बाधाओं से, है चलना सीख लो।
वक्त के इस सांचे में बंदे, है ढलना सीख लो।।
सोचो समझो, देखो भालो, गम को अपने दिल से टालो, पीड़ा तो दुख का कीड़ा है, दिल से यारों इसको निकालो। खुशियों के झूले झूलोगे, दुख में पलना सीख लो, वक्त के इस सांचे में बंदे, है ढलना सीख लो।।
जिंदगी के इस सफर में, तुम्हें कभी रुकना नहीं है, मुश्किलों के आगे तुमको ए यारों झुकना नहीं है। ना चेहरे पे दुख को ओढ़ो, और ना आंखों में नीर लो, वक्त के इस सांचे में बंदे, है ढलना सीख लो।।
तेरे ही हाथों में बंदे, इस जीवन की डोर ये, जैसी चाहो वैसी होगी, तेरी ये अगली भोर है, अपना कोई हुनर दिखाओ,और दिल लोगों के है जीत लो, वक्त के इस सांचे में बंदे, है ढलना सीख लो।।
#Lyrics_Amit_Alok