Vrindavan Pyaro Vrindavan is a beautiful bhajan which is written by Pujyashri Indresh Upadhyay ji. The lyrics written by him are so pure that it shows the whole beauty of our beloved vrindavan in this bhajan.
We have tried to cover this beautiful bhajan with all our hearts and bhakti for the janmsthal of our beloved kanha ❤️
Iss anokhe bhajan mein, hum Vrindavan ke sundarta aur Bhagwan Krishna ke prati prem ko mahsus karte hain. Vrindavan ki pavitrata aur Bhagwan Krishna ke divya khel ko mahsus karein iss manmohak bhajan ke saath.
Ek baar suniye aur apne mann ko Krishna ke pyaar mein doobne dijiye!
| Inspired by PujyaShri Indresh Upadhyay |
Singer : Sonika Sharma Agarwal
Lyrics : PujyaShri Indresh Upadhyay
Composition : Traditional
Music - Recreated by : Vickky Agarwal
Programmed by : Chetan Prajapati
Video By : Playbeatz
Project Curated By : Anshul Agarwal
Team Playbeatz : Anshul Agarwal , Vickky Agarwal , Ashwin Trivedi , Atul Banmoria , Chetan Prajapati
Special Thanks : Saharsh Garje , Chetan Prajapati
Special Thanks to Vagabond Production ( as we have used some footages from their video...aapka dil se shukriya :)
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श्यामा हृदय कमल सो प्रगट्यौ और श्याम हृदय कू भाए वृन्दावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
सब सुख सागर रूप उजागर, रहे वृंदावन धाम रूप गोस्वामी प्रगट कियो जहा गोविंद रूप निधान वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
बिहरत निसदिन कुंज गलीन में ब्रज जन मन सुख धाम मदन मोहन को रुप निरख के, सनातन बली बली जाए वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
गोपी ग्वाल सब हिय उर धारे, प्यारो गोपीनाथ मधुसूदन जिन कंठ लगायो, जहा है रही जय जय कार वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
गोपाल भट्ट कि हृदय वेदना, प्रगट्यौ शालिग्राम रुप सुधा को रवान हमारो, श्री राधारमण जु लाल वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
आतुर है हरिवंश पुकारो, श्री राधा राधा नाम सघन कुंज यमुना तट आयो, श्री राधावल्लभ लाल वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
युगल किशोर कु लाड लडायो, नवल कुंज हिय माए कुंज निकुंजन कि रज धारे, व्यास युगल यश गाए वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
भुवन चतुर्दश की सुंदरता, निधीवन करत बिहार श्यामा प्यारी कुंज (बाके बिहारी, और जय जय श्री हरिदास वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
जिनकी कृपा से यह रस प्रगट्यौ, वृंदावन अभिराम सप्तनिधीन को हिय उजियारो, हम सब को है प्राण पियारो
हमारो गिरधर लाल वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
श्यामा हृदय कमल सो प्रगट्यौ और श्याम हृदय कू भाए वृंदावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन
Hare Krishna.....
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