नागौर. भगवान नृसिंह की जयंती मंगलवार को धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर शहर के विभिन्न मंदिरों से कीर्तन के साथ रम्मत करते हुए भगवान नृसिंह दोपहर में बंशीवाला पहुंचे। यहां मंदिर की 12 बारियों में नृसिंह भगवान ने रम्मत की। मार्गों में झालर व नगाड़े की धुन के साथ रम्मत करते हुए पहुंचते नृसिंह भगवान को देखने एवं इनसे आशीर्वाद लेने की श्रद्धालुओं में होड़ रही। मुख्य कार्यक्रम में शाम को नगरसेठ बंशीवाला मंदिर में हुआ। यहां नृसिंह भगवान रम्मत करते हुए निकले मलूका गायब हो गए। रम्मत करते हुए भगवान नृसिंह ने भक्त प्रहलाद को गोद में उठाकर अभयदान दिया तो श्रद्धालुओं ने नृसिंह भगवान के जयकारों के साथ उनका वंदन किया। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर खचाखच भरा रहा।
विभिन्न मंदिरों से पहुंचे रम्मत करते हुए
नृसिंह भगवान की जयंती के अवसर शहर के मंदिरों में मुंदल माता मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर गूंगसा गली, सत्यनारायण मंदिर, पीपली गली स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर, किशनबाग मंदिर, मूथा की बारी स्थित गणेश मंदिर आदि से भगवान नृसिंह रम्मत करते हुए नगरसेठ बंशीवाला मंदिर पहुंचे। रास्तों में कई जगहों पर रुक-रुककर नृसिंह भगवान रम्मत करते करते रहे। साथ चल रहे श्रद्धालू नृसिंह भगवान के जयकारे लगाते रहे। बंशीवाला में पहुंचने के बाद भगवान नृसिंह ने पहले, दूसरे, तीसरे, चौथे एवं पांचवी बारी के साथ क्रमश: लगातार 12वीं बारी तक रम्मत करते रहे। रम्मत के दौरान बच्चों एवं महिलाओं में भगवान नृसिंह का आशीर्वाद पाने के लिए उनमें परस्पर होड़ लगी रही। मंदिर में स्थिति यह रही कि पूरे परिसर में चारों ओर श्रद्धालुओं का हुजूम नजर आया। बंशीवाला मंदिर के आसपास के क्षेत्रों के मार्ग पूरे दिन भीड़ से भरे नजर आए। इसके पूर्व नगरसेठ बंशीवाला में हुए मुख्य रम्मत के कार्यक्रम को देखने के लिए लोग सुबह नौ बजे से ही मंदिर परिसर में पहुंचने लगे। दोपहर तक भीषण गर्मी के बीच भी श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब 45 डिग्री के तापमान पर भारी नजर आया।
सिंह की गर्जन के साथ प्रगट हुए नृसिंह भगवान
नगरसेठ बंशीवाला मंदिर में मुख्य उत्सव कार्यक्रम में भगवान नृसिंह की रम्मत देखने के लिए शहर एवं आसपास के लोगों का हुजूम उमड़ा। मंदिर में सुबह नृसिंह भगवान के अर्चन के साथ मंदिर के शिखर पर ध्वजा चढ़ाई की गई। शाम को नृसिंह भगवान निज मंदिर से रम्मत करते हुए चौक में परिसर में निकले। भगवान को देखते ही इधर-उधर हिरण्यकश्यप यानी की मलूका गायब हो गए। भगवान नृसिंह रम्मत करते हुए श्रद्धालुओं के जयघोषों के साथ झालर आदि की धुन पर बारियों में पहुंचे। प्रतीकात्मक तौर पर खंबा फाडकऱ निकले नृसिंह भगवान ने हिरण्यकश्यप का पेट फाड़ते हुए सिंह की गर्जन के साथ उसका वध किया। इसके बाद हर्ष की मुद्रा में भक्त प्रहलाद को गोद में उठाकर स्पर्श कर आशीर्वाद दिया। तत्पश्चात मंदिर की बारियों में करीब एक घंटे तक रम्मत करते रहे। रम्मत के दौरान भगवान के जयघोषों के साथ श्रद्धालू वंदन भी करते रहे। मुख्य गेट से लेकर पूरे मंदिर परिसर में हर ओर केवल श्रद्धाअुओं का सैलाब ही नजर आ रहा था। नृसिंह भगवान की रम्मत के लिए इस बार विरेन्द्र पुरोहित को चुना गया था।
भीषण गर्मी पर भी श्रद्धा ज्वार पड़ा भारी
बंशीवाला मंदिर में रम्मत का कार्यक्रम हालांकि शाम को शुरू हुआ, लेकिन गर्मी के चलते गर्म हवाओं के चल रहे थपेड़ों की तपिश को सहते हुए लोग भगवान नृसिंह की एक झलक देखने के साथ ही उनका आशीर्वाद लेने के के लिए बेसब्र नजर आए। भगवान नृसिंह को देखते ही श्रद्धालुओं के लगे जयघोषों से मंदिर के साथ ही आसपास का इलाका गूंजता रहा। इस दौरान पूरा माहौल नृसिंह भगवान के रंग में रंगा नजर आया। हर किसी में भगवान के प्रति अपनी आस्था दिखाने की होड़ लगी रही।
वीडियो बनाने में लगे रहे श्रद्धालु
बोल छन नननन नृसिंह देव की जय के जैकार के साथ झालर- नगाङो, नगाङी की लय ताल की गर्जना के साथ ना दिन, ना रात, के नियम का पालन करते हुए बंशीवाले का आशीर्वाद लेकर बंशीवाला मन्दिर के प्रांगण में हिरण्यकश्यपु के अवतार धारण मलूको से मंदिर परिसर को मुक्त करते हुए नृसिंह अवतार ने भक्त प्रहलाद को गोद में उठाया तो इस दृश्य को मोबाइल में कैद करने की श्रद्धालुओं में होड़ लगी रही।
यह रहे मौजूद
इस दौरान ललित आचार्य,ओमप्रकाश मूथा, धनश्याम लाल आचार्य,रमेश व्यास,विजय व्यास, महेश बोङा, धनश्याम जोशी,भवानी शंकर व्यास, ललित बोहरा, ठाकुरदत्त व्यास, बद्री छंगाणी, प्रेम नारायण बोहरा,मन्छा राम व्यास, राकेश बोङा, गिरीराज व्यास, मदन पुरोहित, देवेन्द्र व्यास, कार्तिक आचार्य,सुशील जोशी, शिव शंकर व्यास,अखिलेश बोङा, सुनील व्यास,ज्ञानेश्वर मूथा,अजय व्यास,नयन आचार्य,उमाशंकर व्यास, मोहित बोङा,केदार व्यास, प्रशांत जोशी, हिमांशु व्यास, हिमांशु जोशी,राजेश बोङा,नवीन परिहार आदि मौजूद थे।