क्रोध आने के कईं कारण हो सकते हैं। कोई अपमान करे, या फिर कोई आर्गुमेंट करें और हमारी बात न समजे , या हमारी मनमानी न होने दे तब हमे क्रोध आ सकता है। हमे दूसरों के साथ प्रेम से व्यव्हार करना चाहिए। अज्ञानता से क्रोध, मान , माया ,लोभ उत्पन्न हो जाते हैं। सामनेवाला निर्दोष दिखेगा तो क्रोध नहीं होगा।