चेन्नई. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आइआइटी मद्रास) के परिसर में शुक्रवार को आयोजित 61वें दीक्षांत समारोह में भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ को मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई और कुल 2,636 छात्रों को स्नातक की उपाधि प्रदान की गई। इस अवसर पर छात्रों को (संयुक्त और दोहरी डिग्रियां सहित) 3,016 डिग्रियां प्रदान की गई। कुल 444 छात्रों को डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) को सम्मानित किया गया, जिनमें पीएचडी, विदेशी संस्थानों के साथ संयुक्त डिग्री पीएचडी और दोहरी डिग्री पीएचडी शामिल हैं।
आइआइटी-मद्रास के निदेशक प्रो. कामकोटि ने बताया कि इस समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. ब्रायन के. कोबिल्का थे जिन्हें रसायन विज्ञान में 2012 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। आइआइटी मद्रास के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. पवन गोयनका ने निदेशक प्रोफेसर वी. कामकोटि आइआइटी मद्रास, संकाय, कर्मचारी और छात्र, की उपस्थिति में दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की।
खुद को असाधारण नहीं मानता
स्नातक छात्रों और पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए डॉ. ब्रायन ने कहा कि मैं खुद को किसी भी तरह से असाधारण नहीं मानता। मेरा आज का करियर इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक औसत व्यक्ति कड़ी मेहनत, दृढ़ता, परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों की बड़ी मदद सहित सब के संयोजन से कुछ हद तक सफलता प्राप्त कर सकता है। जब मैं अपने करियर पर नजर डालता हूं तो मुझे आश्चर्य होता है कि मैं कितनी बार सही समय पर सही जगह पर, सही लोगों के साथ था। उन्होंने कहा कि जब मैंने 1990 में अपना स्वतंत्र करियर शुरू किया तो एक प्रमुख लक्ष्य सक्रिय/निष्क्रिय अवस्थाओं में जी-प्रोटीन-युग्मित रिसेप्टर्स की संरचनाओं की संरचना प्राप्त करना था। लक्ष्य हासिल करने में 21 साल लग गए और अंतत: मुझे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन 21 वर्षों के दौरान मैंने अपने कई असफल प्रयोगों से इस बारे में कई चीजें सीखीं कि ये रिसेप्टर्स कैसे काम करते हैं।
दीक्षांत समारोह के दौरान प्रो. कामकोटि ने 2,636 स्नातकों को डिग्री प्रदान की, जिनमें 764 बी. टेक (जिनमें से 27 ऑनर्स के साथ), 277 दोहरी डिग्री बी.टेक और एम.टेक, 481 एम.टेक, 151 एम.एससी, 42 एमए, 50, कार्यकारी एमबीए, 84 एमबीए, 236 एमएस, और अधिकारियों के लिए 107 वेब-सक्षम एम.टेक डिग्रियां शामिल हैं। पीएचडी में ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, फ्रांस और जर्मनी सहित विदेशी देशों के विश्वविद्यालयों के साथ सात संयुक्त डिग्री भी शामिल हैं।
इसरो प्रमुख को पीएचडी की उपाधि मिली
आइआइटी मद्रास ने दीक्षांत समारोह के दौरान शुक्रवार को पीएचडी की डिग्री प्रदान की। इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ को हम डॉक्टर एस. सोमनाथ के नाम से पहचानेंगे। डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने के बाद डॉ. सोमनाथ ने कहा कि आइआइटी-मद्रास जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से डिग्री प्राप्त करना "बहुत बड़ा सम्मान एक गांव के लडक़े के रूप में, भले ही मैं टॉपर था, लेकिन मेरे पास आइआइटी की प्रवेश परीक्षा देने की हिम्मत नहीं थी, लेकिन मेरा सपना था कि एक दिन मैं यहीं से स्नातक करूंगा। मैंने बेंगलुरु के प्रतिष्ठित भारतीय विज्ञान संस्थान से अपनी मास्टर डिग्री प्राप्त की और अब आइआइटी-मद्रास से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।