चेन्नई. द्रमुक सांसद दयानिधि मारन ने बुधवार को केंद्र सरकार पर तमिलनाडु और तमिल जनता से भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की जनता भाजपा-नीत सरकार को कभी माफ नहीं करेगी। मारन ने केंद्रीय बजट २०२४-२५ पर लोकसभा में चर्चा में भाग लेते हुए इसमें बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए किए गए बजटीय प्रावधानों का उल्लेख किया और कहा कि सरकार दोनों राज्य की मदद कर रही है, अच्छी बात है लेकिन तमिलनाडु जैसे राज्य को दंडित नहीं किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी को देश में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के कामकाज के मॉडल को अपनाना चाहिए, जहां सभी वर्गों के लिए काम किया जाता है। मारन ने दावा किया कि आज प्रधानमंत्री उन लोगों के लिए काम नहीं कर रहे जिन्होंने उन्हें वोट नहीं दिया। सरकार ने चुनाव के समय च्मोदी की गारंटी के प्रचार के लिए लाखों करोड़ रुपए सरकारी धन खर्च कर दिया, लेकिन चुनाव के बाद वह गारंटी कहां है। मारन ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने तमिलनाडु को तीन साल से चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना के लिए बकाया धन नहीं दिया है और बाढ़ के संकट के समय भी राज्य की मदद नहीं की। इन्हें तमिलनाडु की कोई चिंता नहीं। हमारे राज्य की अनदेखी क्यों की जा रही है। तमिलनाडु की जनता आपको कभी माफ नहीं करेगी। द्रमुक सांसद ने कहा कि सरकार बिहार और आंध्र प्रदेश की सहायता करे, लेकिन अन्य राज्यों को दंडित नहीं करें, यह उसे शोभा नहीं देता। उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि उक्त दोनों राज्यों के लिए इतना धन कहां से आएगा।
बेरोजगारी पर तंज कसा
मारन ने विभिन्न रिपोर्ट का हवाला देते हुए देश में बेरोजगारी की बात कही। उन्होंने कहा कि नदियों को जोडऩे के लिए सरकार ने अलग से जलशक्ति मंत्रालय बनाया, लेकिन क्या वह बता सकती है कि कितनी नदियों को जोड़ा गया? क्या सरकार च्नदी जोड़ोज् पर कोई श्वेतपत्र जारी कर सकती है। मारन ने देश में जातीय भेदभाव और सामाजिक अन्याय होने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली नीट परीक्षा सामाजिक अन्याय का ही उदाहरण है जिसका तमिलनाडु सरकार विरोध करती है।