Kargil Vijay Diwas से पहले जानिए प्लाटून कमांडर Yogendra Yadav की रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी

IANS INDIA 2024-07-25

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26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाएगा। उससे पहले शहीदों की उन कहानियों को देश याद कर रहा है। यूपी के बुलंदशहर के गांव औरंगाबाद में साल 1980 को जन्मे योगेंद्र यादव ने मात्र 19 साल की उम्र में 17 गोली लगने के बाद भी साहस का ऐसा परिचय दिया कि उन्हें आज लोग सलाम करते हैं। ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव को 7 सदस्यीय घातक प्लाटून का कमांडर बनाया गया और 3 जुलाई 1999 की रात को टाइगर हिल फतेह करने का टास्क दिया गया। योगेंद्र सिंह यादव जोखिम की परवाह किए बिना अपनी टीम का नेतृत्व करते हुए ऊपर चढ़ने लगे। भारतीय जांबाजों को आता देख घुसपैठियों ने फायरिंग शुरू कर दी, ग्रेनेड, रॉकेट से हमले किए, जिसमें 6 भारतीय जवान शहीद हो गए थे और योगेंद्र यादव को भी 17 गोलियां लगी थीं। साथियों की शहादत को देख प्लाटून रुक गई। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, ग्रेनेडियर योगेंद्र यादव ने दुश्मन के ठिकानों पर हमला बोल दिया। योगेंद्र यादव ने अदम्य साहस दिखाया और रेंगते हुए टाइगर हिल की तरफ बढ़ते रहे। मौका पाकर तीन तरफ से दुश्मनों पर फायरिंग की जिससे दुश्मन घबराकर पीछे हटे और फिर योगेंद्र यादव ने 8 दुश्मनों को मारकर अपने प्राणों की परवाह न करते हुए टाइगर हिल पर तिरंगा फहरा दिया। कारगिल युद्ध को 25 साल हो गए लेकिन योगेंद्र यादव के परिजन आज भी 25 साल पुरानी कारगिल युद्ध की गाथा को नहीं भूले हैं। उन्हें अपने लाडले पर गर्व है कि उसने देश के लिए अपनी जान की परवाह किए बगैर टाइगर हिल पर तिरंगा लहरा फतह हासिल की।

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