चेन्नई. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मंकी पॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल" घोषित किए जाने के बाद तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। हालांकि तमिलनाडु में कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन राज्य संक्रमण में वैश्विक वृद्धि के कारण एहतियाती कदम उठा रहा है। यह वायरस अन्य देशों में भी फैलना शुरू हो गया है, इसलिए तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग ने इसे रोकने के लिए अपने उपायों को तेज कर दिया है।
सामूहिक बुखार जांच शिविर
चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्री एमए सुब्रमण्यण ने कहा कि चेन्नई के अण्णा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ने राज्य में वायरस के प्रवेश को रोकने के लिए विदेश से आने वाले यात्रियों की सामूहिक जांच शुरू की। एहतियात के तौर पर राज्य के सभी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सामूहिक बुखार जांच शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदेश से आने वाले थके यात्रियों रोककर उनके हाथ और चेहरे पर किसी भी तरह के चकत्ते या घाव की जांच की गई। राज्य के सभी एयरपोर्ट पर स्वचालित बुखार स्कैनिंग डिवाइस लगाई गई है। यदि किसी यात्री में बुखार के लक्षण पाए जाते हैं, तो डिवाइस लाल बत्ती की चेतावनी देगी और मेडिकल टीम यात्रियों को अलग कर प्राथमिक उपचार प्रदान करेगी। यदि आवश्यक हो, तो यात्री को विस्तृत चिकित्सा जांच के लिए राजीव गांधी सरकारी सामान्य अस्पताल में भी भेजा जाएगा ताकि पता लगाया जा सके कि उसे एम-पॉक्स के कोई लक्षण हैं या नहीं और उपचार दिया जा सके।
गंभीर नहीं है एम-पॉक्स
एमपॉक्स कोरोना वायरस के प्रकोप जितना गंभीर नहीं होगा। उन्होंने जनता से अपील की है कि एम-पॉक्स से घबराना की जरूरत नहीं है। एहतियात के तौर पर निवारक उपाय करने के महत्व पर जोर दिया जा रहा है। चेन्नई, कोयम्बत्तूर, तिरुचि और मदुरै के सरकारी अस्पतालों में 10 बिस्तरों वाले विशेष वार्ड स्थापित किए गए हैं, जो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन कर रहे हैं, ताकि किसी भी संभावित एमपॉक्स मामलों को संभाला जा सके।
तमिलनाडु में नहीं कोई मामला
सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक डॉ. टीएस सेल्वाविनायगम ने कहा कि यह बीमारी चेचक जैसी है, लेकिन कम गंभीर है। मनुष्यों और जानवरों में हो सकती है। इससे घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है। तमिलनाडु में कोई मामला सामने नहीं आया है।