बनारस के एक और लघु उद्योग और बनारस की पहचान को जी.आई टैग प्राप्त होने जा रहा है। इस बार यह पहचान गंगा की मिट्टी से बने तीली वाले गणेश और लक्ष्मी के प्रतिमा को प्राप्त होने जा रहा है। भारत सरकार की पहल से कागजी प्रक्रिया फाइल कर दी गई हैं, जिसके बाद अब सिर्फ़ टैग मिलना बाक़ी है। GI Tag विशेषज्ञ पद्मश्री रजनीकांत ने बताया कि तीली वाले गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमाएँ सिर्फ़ बनारस में बनती हैं और इसकी डिमांड पूर्वांचल समेत महाराष्ट्र तक ज़्यादा होती है। यह कला क्ले क्राफ़्ट में आती है। यह प्रतिमाएँ ख़ास इसलिए होती हैं क्योंकि यह गंगा का मिट्टी से बनती हैं, और इसके ऊपर तीलिया लगाई जाती हैं और उसे मुकुट का रूप दिया जाता है। बनारस में दीपावली और धनतेरस के अवसर पर ज़्यादा देखा जाता है और इसके साथ ही मराठा समाज के लोग गणेश पूजन के समय इसे घर में रखकर पूजन करते हैं। इस प्रतिमा को शुद्ध माना जाता है, लेकिन समय के साथ साथ अब यह कारीगरी कुछ घरों तक हो सीमित रह गई है। गणेश और लक्ष्मी बिक्री करने वाले दुकानदार काफी खुश हैं।
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