गाजियाबाद: संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान जिसमें उन्होंने कहा कि समाज में आचरण का अनुशासन, राज्य के प्रति कर्तव्य और लक्ष्य-उन्मुख होने का गुण जरूरी है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि सवाल इस बात का है कि अब यह बात क्योंकि मोहन भागवत जी ने कही है तो विपक्ष इस पर निशाना साध देगा, विपक्ष तो पागल हो गया है, प्रधानमंत्री जी कुछ कह दें या मोहन भागवत जी कुछ कह दें। आरएसएस एक बहुत बड़ा संगठन है मोहन भागवत अगर कुछ बोल रहे हैं तो वह अपने अनुभव के हिसाब से बोल रहे हैं, आत्म चिंतन के आधार पर बोल रहे हैं। विपक्ष उनकी बात का बिना सोचे समझे विरोध करता है। इसके अलावा प्रमोद कृष्णम ने मोहन भागवत के हिंदुओं को एकजुट होने का आवाह्न करने वाले बयान पर कहा कि मोहन भागवत अगर कहते हैं कि सबको एक रहना है, संगठित रहना है, यूनाइटेड रहना है। जब-जब हम विभाजित हुए हैं तब तब हमारा नुकसान हुआ है। अगर सनातन का सवाल है तो भारत से ही उत्पत्ति सनातन की है भारत सनातन अलग-अलग नहीं है जब तक भारत है जब तक सनातन है।
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