ध्यान दिन में दो बार, या लगातार? || आचार्य प्रशांत, ज़ेन कोआन पर (2018)

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वीडियो जानकारी: संवाद सत्र, 31.08.2018, ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश, भारत

प्रसंग:
ज़ेन कथा
टेंडई बौद्ध दर्शन का एक आश्रम था। वहाँ पर एक शिष्य ज़ेन गुरु के पास शिक्षा ग्रहण करने आया। कुछ साल बाद जब उसने गुरु से विदा ली, तो गुरु ने चेतावनी देते हुए कहा कि सत्य का अध्ययन अच्छा तरीका है उपदेश हेतु ज्ञान इकठ्ठा करने का। मगर याद रखना कि यदि तुम लगातार ध्यानस्थ नहीं रहोगे तो तुम्हारी ये सत्य की रोशनी खो जाएगी।

~ ध्यान लगातार क्यों नहीं चलता?
~ कैसे हम प्रकृति के चक्र से मुक्त हो सकते हैं?
~ क्या होता है सत्य में जीना?
~ लगातार ध्यान में कैसे रहें?
~ ऐसा क्यों कहा गया है कि सत्य की रोशनी खो जाएगी, उसका क्या आशय है?

संगीत: मिलिंद दाते
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