स्वर्णनगरी के ऐतिहासिक गड़ीसर सरोवर पर गुरुवार शाम को छठ पर्व को आमजन दिनों की तुलना में अलग ही नजारा देखने को मिला। श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को अघ्र्य दिया व परंपरागत वेशभूषा में पूजा-अर्चना की। सांझ ढलते ही गड़ीसर सरोवर पर चहुंओर रोशनी फैल गई। कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन निर्जला व्रत के दौरान श्रद्धालुओं ने अस्तांचलगामी सूर्यदेव की आराधना की। इस दौरान गड़ीसर तालाब के किनारों पर उत्साह व उल्लास हिलोरे ले रहा था। महिलाओं ने षठ माता की कथा सुनी और तालाब के बीच जाकर सूर्य देव को अघ्र्य दिया। कई लोगों ने पूरे भरे तालाब में नौकायन का भी लुत्फ उठाया। बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड राज्यों के मूल निवासियों ने डूबते सूरज को अघ्र्य दिया और पूजा-अर्चना कर मनोकामना पूर्ति एवं परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।