प्रयागराज, यूपी : जप-तप और आध्यात्म की नगरी इन दिनों महाकुंभ के रंगों में रंगी है। देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु यहां आकर त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। प्रयागराज में एक मंदिर ऐसा है, जहां दर्शन किए बिना श्रद्धालुओं की त्रिवेणी संगम की यात्रा अधूरी ही मानी जाती है। हम बात कर रहे हैं दारागंज के उत्तरी कोने पर स्थित नागों के राजा नाग वासुकी मंदिर की। नागवासुकी मंदिर में वासुकी जी की भव्य मूर्ति है। गंगा नदी के किनारे बसा यह मंदिर आध्यात्मिकता का भी प्रमुख केंद्र है। यहां कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए हर साल लाखों लोग पूजा-अर्चना करवाने आते हैं। माघ,अर्ध कुंभ, महाकुंभ के साथ ही नाग पंचमी, सावन आदि प्रमुख मौकों पर भी यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नाग वासुकी के दर्शन किए बिना महाकुंभ स्नान अधूरा माना जाता है।
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