प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: तीर्थराज प्रयागराज में आयोजित दिव्य, भव्य, अलौकिक और अद्वितीय महाकुंभ में आज बसंत पंचमी के पावन पर्व पर अमृत स्नान आयोजित किया गया। देश भर से पधारे साधु-सन्यासियों, महामंडलेश्वरों, धर्माचार्यों और आम श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान के अवसर पर गंगा, जमुना और सरस्वती की पवित्र त्रिवेणी में आस्था और विश्वास की डुबकी लगाई। अमृत स्नान में विभिन्न अखाड़ों द्वारा स्नान करने की परंपरा है और आज तड़के से ही अलग-अलग अखाड़ों के साधु-संत रथों पर सवार होकर संगम नोज पहुंचने शुरू हो गए थे। इनके आगे-आगे हजारों की तादाद में नागा साधु भी अपने अस्त्र और शस्त्र लेकर चल रहे थे। अमृत स्नान के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी जी महाराज ने बसंत पंचमी के स्नान की महिमा का बखान करते हुए सभी श्रद्धालुओं से गंगा के तट पर जहां जगह मिले डुबकी लगाने की अपील की। जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि उन्होंने देश में सामाजिक सद्भाव, सनातन धर्म की रक्षा और मानवता के कल्याण की कामना के साथ पवित्र संगम में डुबकी लगाई है।
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