आम घर, साधारण जीवन - नहीं जीना है ऐसे || आचार्य प्रशांत (2024)

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वीडियो जानकारी: 30.03.24, संत सरिता, ग्रेटर नॉएडा

आम घर, साधारण जीवन - नहीं जीना है ऐसे || आचार्य प्रशांत (2024)

📋 Video Chapters:
0:00 - Intro
2:07 - विन्सेंट वान गॉग (Vincent Van Gogh) का संघर्ष
10:29 - कला के लिए साधन की आवश्यकता
18:10 - असली सुंदरता
24:44 - परिवार कब नर्क बनता है?
31:38 - दुनियादारी के झूठे मुखौटे
37:41 - Starry Starry Night (Song)
41:45 - समापन

विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी ने समाज, संस्कृति और व्यक्तिगत विकास के मुद्दों पर गहराई से विचार किया है। उन्होंने बताया कि कैसे आम घरों में टीवी और अन्य मनोरंजन के साधनों के चलते महानता और सुंदरता का विकास नहीं हो सकता। उन्होंने कोविड के समय में लोगों की मानसिकता और उनके व्यवहार पर भी चर्चा की, यह बताते हुए कि कैसे लोग अपने संस्कारों और परंपराओं के नाम पर दूसरों का शोषण करते हैं।

आचार्य जी ने विंसेंट वान गॉग की कला का उदाहरण देते हुए बताया कि सच्ची कला एक विद्रोह की अभिव्यक्ति होती है। उन्होंने यह भी कहा कि वेदांत का अर्थ है अपनी पहचान को समझना और समाज के नियमों के खिलाफ खड़ा होना। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हमें अपने भीतर की आवाज़ को सुनना चाहिए और बाहरी दबावों से मुक्त होकर अपने जीवन को जीना चाहिए।

प्रसंग:
~ क्यों कहानियों से हमें लगता है कि हम उस कहानी के हीरो जैसे नहीं बन सकते?
~ पुराने जितने भी महान पुरुष हुए हैं, उनसे क्या प्रेरणा मिलती है युवाओं को?
~ आज के युवाओं के लिए ज़रूरी क्यों है देश के क्रांतिकारियों/कवियों के बारे में जानना?
~ क्यों आगे बढ़ते रहना ज़रूरी है?
~ छोटे से मुक्त होना क्यों ज़रूरी है बड़े को पाने के लिए?
~ क्या समस्या है एक जगह पर रुक जाने में?
~ हम जीवन मे कुछ बड़ा क्यों नहीं कर पाते?
~ क्या समस्या है अपने आप को अयोग्य, नाकाबिल समझने में?
~ कैसा काम करना चाहिए?

संगीत: मिलिंद दाते
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