भक्ति में सवाल नहीं पूछने चाहिए? || आचार्य प्रशांत (2024)

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वीडियो जानकारी : 22.04.2024, संत सरिता

विवरण:
इस वीडियो में, आचार्य जी एक प्रतिभागी के प्रश्न का उत्तर देते हैं जो संत मीराबाई की भक्ति के उदाहरण को समझने के बारे में। प्रतिभागी यह जानना चाहते हैं कि यदि निर्गुणी भक्ति ही निर्दोष है, तो मीराबाई की कृष्ण भगवान की भक्ति को कैसे समझा जाए। आचार्य जी इस बात पर जोर देते हैं कि मीराबाई की अद्भुत प्रतिभा थी, जिससे उन्होंने कृष्ण के साथ एक सगुण संबंध स्थापित किया, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि क्या यह प्रतिभा आप में है।

वे यह भी बताते हैं कि भक्ति में प्रश्न पूछना आवश्यक है। यदि आप भक्ति में सवाल नहीं पूछते हैं, तो आप अंधी भक्ति में चले जाएंगे। आचार्य जी यह स्पष्ट करते हैं कि भक्ति का अर्थ केवल किसी देवता के प्रति प्रेम नहीं है, बल्कि यह समझने की आवश्यकता है कि आप किसकी भक्ति कर रहे हैं। वे यह भी कहते हैं कि भक्ति में अहंकार का होना खतरनाक हो सकता है, और सच्ची भक्ति तब होती है जब अहंकार टूटता है।

🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06

संगीत: मिलिंद दाते
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