International Yoga Day पर विश्व शांति में योग की भूमिका पर बोले Acharya Prashant

IANS INDIA 2025-06-21

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गोवा – 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर विचारक और लेखक आचार्य प्रशांत ने योग के भौतिक रूप और युद्ध को लेकर कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि इस समय दुनिया में एक साथ जितने युद्ध चल रहे हैं, उतना हमें एक साथ द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कभी देखने को नहीं मिला। इसकी वजह यह है कि हमने योग को समझा ही नहीं है या फिर अपने हिसाब से विकृत करके समझा है। योग की पहली विकृति यह है कि कहा जाता है कि योग, मस्तिष्क, शरीर और आत्मा का मेल है। उन्होंने बताया कि गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं कि अहम का आत्मा में मिल जाना ही योग कहलाता है। इसके साथ ही उन्होंने योग को लेकर लोगों की भ्रांतियों पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि योग भारत की उच्चतम खोजों में से एक है। उन्होंने कहा कि कामना के लिए किया जाने वाला योग, योग नहीं हो सकता है।


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