Gaza में Isarel का हमला जारी है. इस बीच इंग्लैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पुर्तगाल ने इजरायल को झटका देते हुए Palestine को एक देश के तौर पर मान्यता दे दी है. इसी बीच France ने एक अंतरराष्ट्रीय फोर्स बनाने की तैयारी की है. नाम है इंटरनेशनल स्टेबलाइज़ेशन मिशन। यह सेना गज़ा में तैनात की जाएगी. जुलाई में एक अंतरराष्ट्रीय घोषणा हुई थी जिसमें दो-राज्यों का समाधान, हमास को हथियारों से मुक्त करना और गाज़ा की आंतरिक सुरक्षा धीरे-धीरे फिलिस्तीनी अथॉरिटी को सौंपने की बात कही गई थी। फ्रांस अब इसी घोषणा को लागू करने का रोडमैप सामने लाया है। इस मिशन की कमान कुछ खाड़ी और अरब देश करेंगे. खास तौर पर मिस्र, जॉर्डन, सऊदी अरब, यूएई और क़तर को इसमें शामिल करने का सुझाव है। साफ है कि फ्रांस गाज़ा में सुरक्षित माहौल बनाना चाहता है, जिसमें फिलिस्तीनी अथॉरिटी धीरे-धीरे ज़िम्मेदारी संभाले और भविष्य में दो-राज्यों का समाधान यानी इज़रायल और फिलिस्तीन मुमकिन हो सकें। मसौदे में कहा गया है कि एक International Stabilization Mission यानी "अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण मिशन" को जल्दी ही लागू किया जा सकता है। यह मिशन संयुक्त राष्ट्र के आदेश और क्षेत्रीय देशों की अगुआई में फिलिस्तीन में काम करेगा। यह पहल न्यूयॉर्क डिक्लेरेशन (के तहत है। इस डिक्लेरेशन को जुलाई में फ्रांस और सऊदी अरब ने मिलकर पेश किया था। बाद में इसे क़तर, मिस्र समेत कई अरब देशों ने समर्थन दिया। हाल ही में इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी पारित कर दिया है। मतलब साफ है कि अंतरराष्ट्रीय और अरब देशों का एक बड़ा गठबंधन अब गाज़ा और फिलिस्तीन में शांति की ज़मीन तैयार कर रहा है।
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