राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कल भाषण दिया। खुले बॉर्डर, शरीया कानून, जलवायु संकट को धोखा बताना ट्रंप का 58 मिनट लंबा भाषण संयुक्त राष्ट्र के मूल्यों पर सीधा हमला था। ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये संगठन दुनिया के झगड़े और लोगों के पलायन की दिक्कतें ठीक से संभाल ही नहीं पा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों ने साफ़ महसूस किया कि ट्रंप का भाषण केवल विचारधारा पर हमला नहीं था। यह मंच का इस्तेमाल दबाव बनाने और असली मुद्दे यानी गाज़ा में इज़रायल की कार्रवाई से ध्यान हटाने की कोशिश थी...मुस्लिम देशों ने इज़रायल को घेरा, लूला ने वीटो पॉलिटिक्स पर हमला बोला और यूएन महासचिव गुटेरेस ने चेतावनी दी। यानी, संयुक्त राष्ट्र समझ चुका था कि ट्रंप अपने सबसे करीबी सहयोगी इज़रायल को बचाने के लिए दुनिया का ध्यान भटका रहे हैं...नमस्कार मैं हूं आसिफ इकबाल और आप देख रहे हैं वन इंडिया...
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